खनिज टॉस्क फोर्स की बैठक में कई अहम निर्णय, रेत खदानों की स्वीकृति पर भी जोर

बिलासपुर, 26 मई 2025 — जिला कलेक्टर संजय अग्रवाल की अध्यक्षता में आज मंथन सभाकक्ष में जिला स्तरीय खनिज टॉस्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिले में खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में जिले में निर्माण कार्यों के लिए खनिजों की सुनिश्चित उपलब्धता के लिए नई रेत खदानों की स्वीकृति पर भी बल दिया गया। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले में अधिक से अधिक रेत खदानों का चिन्हांकन कर ऑक्सन प्रक्रिया के माध्यम से स्वीकृति दी जाए। फिलहाल 15 रेत खदानों की जांच प्रतिवेदन शीघ्र प्रस्तुत करने के लिए राजस्व एवं वन विभाग को निर्देशित किया गया। पर्यावरण संरक्षण मंडल को भी खदानों की पर्यावरण स्वीकृति शीघ्र प्रदान करने को कहा गया।
बैठक में एसएसपी रजनेश सिंह, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में उप संचालक, खनिज प्रशासन ने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 में अवैध खनिज परिवहन के 629, अवैध उत्खनन के 85 और भंडारण के 15 प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से 718 प्रकरणों का निराकरण करते हुए करीब 2 करोड़ रुपये का अर्थदंड वसूल कर खनिज मद में जमा कराया गया। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक कुल 101 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनसे 26 लाख रुपये से अधिक की वसूली की गई है।
कलेक्टर अग्रवाल ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने नियमानुसार अधिक से अधिक कार्रवाई करें और उसकी मासिक रिपोर्ट खनिज विभाग को सौंपें। तहसीलदारों को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 247(7) के तहत सीधे प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, वन विभाग को भी वन अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई, जैसे वाहन राजसात करने की हिदायत दी गई।
इसके अलावा, कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया कि शासकीय निर्माण एजेंसियों को जप्तशुदा खनिजों का उपयोग करने की अनुमति दी जाए, बशर्ते वे रॉयल्टी और समस्त कर जमा करें।
इस बैठक से साफ संकेत मिला है कि जिला प्रशासन खनिजों के अवैध दोहन पर सख्त रुख अपनाने जा रहा है और साथ ही निर्माण कार्यों में आवश्यक खनिजों की व्यवस्था को सुचारु करने की दिशा में भी ठोस कदम उठा रहा है।