
– विकास सोनी, जिनके बिना कोई पल यादगार नहीं बनता।
बांकी (कोरबा): कहते हैं कि सच्चे कर्मयोगी वही होते हैं जो हालातों से नहीं, अपने हौसलों से काम करते हैं। ऐसी ही मिसाल हैं प्रेस फोटोग्राफर विकास सोनी जी, जो न सिर्फ़ तेज़ धूप में घंटों खड़े होकर कार्यक्रम की कवरेज करते हैं, बल्कि दिन भर की मेहनत के बाद भी रात को अपने परिवार की परवाह करते हुए खबरों की जिम्मेदारी निभाना नहीं छोड़ते।
कार्यक्रम के दौरान जब चारों ओर लोग छांव में आराम कर रहे थे, तब विकास सोनी जी तपती धूप में खड़े रहकर एक-एक तस्वीर को इस तरह संजो रहे थे मानो हर तस्वीर अपने आप में एक इतिहास हो। पसीने से भीगे कपड़े, तेज़ गर्मी, थकान – ये सब उनके समर्पण को कभी रोक नहीं सके।
लेकिन उनकी मेहनत यहीं खत्म नहीं होती। दिन भर फील्ड में रहकर वीडियो और फोटो शूट करने के बाद, जब लोग अपने घरों में चैन की नींद सोते हैं, उस वक्त विकास जी रात की नींद गंवाकर उन तस्वीरों और वीडियो को संपादित करते हैं, खबरें तैयार करते हैं – ताकि अगली सुबह समाज तक सटीक और सुंदर खबरें पहुँच सकें।
यह मेहनत वो सिर्फ़ अपने काम के प्रति प्रेम से नहीं, बल्कि अपने परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए करते हैं। उनका हर एक पसीना, हर एक जागी रात एक पिता, एक बेटे और एक ज़िम्मेदार नागरिक की कहानी कहती है।
विकास सोनी जी की यह निःस्वार्थ सेवा, समर्पण और पत्रकारिता के प्रति उनकी लगन निश्चित रूप से आज की युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। उनकी तरह काम करने वाले लोग ही मीडिया की असली पहचान हैं – जो ना केवल खबरें बनाते हैं, बल्कि समाज को जोड़ने का काम करते हैं।

– हर क्लिक में छुपी है मेहनत की कहानी।