

गुजरात 2002: इतिहास का वह दाग जो धुलने का नाम नहीं लेता
गुजरात के 2002 दंगे भारतीय राजनीति का ऐसा अध्याय हैं, जो दो दशकों से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद चर्चा में बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, आज भी इस मुद्दे पर असहज दिखाई देते हैं। हाल ही में अमेरिकी पॉडकास्टर लैक्स फ्रीडमैन के साथ बातचीत के दौरान जब इस विषय पर चर्चा हुई, तो उन्होंने अपनी ‘क्लीन चिट’ का हवाला देते हुए इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।
क्या वास्तव में यह दंगों की साजिश थी?
मोदी ने दावा किया कि 2002 के दंगों के लिए उन्हें गलत तरीके से फंसाने की कोशिश की गई थी और दो बार न्यायपालिका ने उन्हें निर्दोष ठहराया। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर केंद्र में उनकी ही पार्टी की सरकार थी, तो उन्हें फंसाने की कोशिश कौन कर रहा था? अटल बिहारी वाजपेयी ने खुद मोदी को ‘राजधर्म’ निभाने की सलाह दी थी, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि हालात काबू में नहीं थे।
गुजरात में पहली बार ऐसा क्या हुआ?
गुजरात में पहले भी सांप्रदायिक दंगे हुए थे, लेकिन 2002 की हिंसा को लेकर आरोप हैं कि यह एकतरफा था और इसे शासन का संरक्षण प्राप्त था। इस दौरान कई जगहों पर ‘हिंदू राष्ट्र में स्वागत है’ जैसे पोस्टर लगाए गए, मस्जिदों और दरगाहों को तोड़ा गया, और अल्पसंख्यकों पर संगठित हमले हुए। यही कारण है कि इसे सिर्फ सांप्रदायिक दंगे नहीं, बल्कि मुस्लिम विरोधी नरसंहार कहा गया।
‘शांत’ गुजरात का सच
मोदी का दावा है कि 2002 के बाद गुजरात में कोई दंगा नहीं हुआ, लेकिन क्या यह सच में सांप्रदायिक सौहार्द का परिणाम था, या फिर डर का माहौल बना दिया गया? यह सवाल आज भी बना हुआ है।
न्यायपालिका की ‘क्लीन चिट’ और सवालों के घेरे
न्यायपालिका ने भले ही मोदी को व्यक्तिगत रूप से दोषमुक्त कर दिया हो, लेकिन न्याय की लड़ाई लड़ने वाले कार्यकर्ता संजीव भट्ट और मृतक सांसद अहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी जैसे लोग आज भी सवाल उठाते हैं। बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर लगी पाबंदी यह साबित करती है कि यह मुद्दा सत्तारूढ़ सरकार के लिए आज भी असहज करने वाला है।
क्या इतिहास मोदी को बरी करेगा?
2002 के दंगों की राजनीतिक और नैतिक जिम्मेदारी से नरेंद्र मोदी कभी भी खुद को पूरी तरह मुक्त नहीं कर पाएंगे। उनकी ‘छवि निर्माण’ की तमाम कोशिशों के बावजूद यह घटना उनकी राजनीति की परछाई बनी रहेगी। इतिहास के पन्नों से यह दाग मिटाना आसान नहीं होगा।