
कटघोरा/बिंझरा।
सरकार जहां एक ओर गांव-गांव बिजली पहुंचाने के दावे कर रही है, वहीं दूसरी ओर कटघोरा ब्लॉक के बिंझरा क्षेत्र में जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत नजर आ रही है। यहां बिजली विभाग की लापरवाही और तकनीकी लाचारी ने ग्रामीणों को सालभर से अंधेरे में जीने को मजबूर कर दिया है।
तुमान फीडर बंद, बिंझरा पर जबरन भार
बिंझरा विद्युत सब स्टेशन से आसपास के 26 गांवों को बिजली आपूर्ति की जाती है। लेकिन पिछले एक वर्ष से तुमान फीडर का ब्रेकर खराब है। इसे ठीक करने के बजाय विभाग ने उसकी आपूर्ति को सीधे बिंझरा फीडर से जोड़ दिया है, जिससे बिंझरा पर असामान्य भार पड़ रहा है। यह कदम ग्रामीणों के लिए अभिशाप बनता जा रहा है।
बिजली की आंख मिचौली से जनजीवन अस्त-व्यस्त
इस अनियोजित लोड के कारण दिन में 8 से 10 बार बिजली गुल होना आम बात हो गई है। कई बार घंटों तक आपूर्ति बाधित रहती है। बरसात के इस मौसम में अंधेरे के कारण सांप-बिच्छुओं और अन्य जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा बढ़ गया है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, बुजुर्ग और बीमारजन असहाय हैं, वहीं पानी की मोटरें और हैंडपंप भी बिजली के अभाव में ठप हैं।
जानलेवा बन सकता है बिंझरा फीडर पर अधिक भार
तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार एक ही फीडर पर 14-15 गांवों की अतिरिक्त आपूर्ति जोड़ना न केवल गलत है, बल्कि खतरनाक भी है। ट्रांसफार्मर ओवरलोड हो चुके हैं, तारों में स्पार्किंग और शॉर्ट सर्किट की घटनाएं किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे सकती हैं। यह केवल तकनीकी चूक नहीं, बल्कि आमजन की जान से खिलवाड़ है।
बिजली विभाग की खामोशी पर सवाल
अब सवाल यह उठता है कि तुमान फीडर की मरम्मत में इतनी देरी क्यों की जा रही है? क्या विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है? क्या हजारों ग्रामीणों की परेशानी, उनका भय, उनका संघर्ष—सिर्फ आंकड़ों तक सिमटकर रह जाएगा?
अब समय है कार्रवाई का
यह आवश्यक है कि बिजली विभाग तत्काल सजग हो और तुमान फीडर के खराब ब्रेकर को बदलकर व्यवस्था को यथास्थिति में लौटाए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो यह लापरवाही एक दिन बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।
क्या बिजली विभाग जागेगा?
अब देखना यह होगा कि इस समाचार की चिंगारी बिजली विभाग के बंद दिमागों में कोई करंट दौड़ाती है या फिर सब कुछ ढर्रे पर चलता रहेगा—और ग्रामीण अंधेरे में ही अपने भविष्य की तलाश करते रहेंगे।
