


रवि शंकर शुक्ला नगर: जब होली के रंग उमंग में घुल जाएं, जब ढोलक की थाप पर कदम खुद-ब-खुद थिरकने लगें, और जब परंपरा व संस्कृति का रंगीन संगम हो, तो नज़ारा अद्भुत बन जाता है। इस बार श्री हित सहचरी सेवा समिति द्वारा आयोजित होली मिलन समारोह ने न सिर्फ रंगों की बौछार की, बल्कि आपसी प्रेम, सौहार्द और संस्कृति के रंग में भी सभी को रंग दिया।
होली का उल्लास: जब रंगों ने पंख लगाकर उड़ान भरी
होली केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भावनाओं का उत्सव है। यह वही पर्व है, जहां पुराने गिले-शिकवे भुलाकर हर कोई रंगों में घुल जाता है। इस आयोजन की शुरुआत पारंपरिक गुलाल-अभिनंदन से हुई, जहां सभी महिलाओं ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर रंगों की सौगात दी।
समारोह स्थल को रंग-बिरंगी झालरों, फूलों और रंगों से भव्य रूप से सजाया गया था। जैसे ही महिलाएं पारंपरिक परिधानों में समारोह स्थल पर पहुंचीं, पूरा वातावरण रंगों से सराबोर हो गया।
संस्कृति, नृत्य और संगीत का अद्भुत संगम
होली मिलन समारोह में लोकगीतों की गूंज और ढोलक की थाप ने समां बांध दिया। महिलाएं पारंपरिक फाग गीतों पर झूमने लगीं, तो वहीं कुछ आधुनिक गानों पर भी थिरकने से खुद को रोक नहीं पाईं।
लोकगीतों और नृत्य के बीच ठंडाई और पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद और भी मधुर लगने लगा। गुझिया, दही-बड़े, मठरी और चाशनी में भीगी मिठाइयों ने सभी के स्वाद को और भी रंगीन बना दिया।
समिति की महिलाओं ने निभाई अहम भूमिका
श्री हित सहचरी सेवा समिति की महिलाएं इस आयोजन की असली शक्ति थीं। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस उत्सव को भव्य बनाया। इस कार्यक्रम में नीरू राय, आशा पांडेय, मीना ठाकुर, अंजना सिंह, निव्या विनायक, कविता बरुई, श्वेता दुबे सहित कई अन्य महिलाओं ने सक्रिय भूमिका निभाई।
इन महिलाओं ने न केवल आयोजन की रूपरेखा तैयार की, बल्कि इसकी हर छोटी-बड़ी व्यवस्था को भी बखूबी संभाला। सजावट से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी तक, सब कुछ उनके प्रयासों का ही नतीजा था।
खेल, प्रतियोगिताएं और हास्य-विनोद का रंग
इस समारोह में केवल नृत्य और संगीत ही नहीं, बल्कि मनोरंजक खेल और प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। ‘बेस्ट होली अटायर’ प्रतियोगिता में सबसे रंगीन और खूबसूरत पोशाक पहनने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया गया।
इसके अलावा, ‘होली क्विज’ प्रतियोगिता में होली से जुड़े रोचक सवाल पूछे गए, जिसमें महिलाओं ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया। हास्य-विनोद से भरी ‘चुटकुला प्रतियोगिता’ ने सभी को हंसी से लोटपोट कर दिया।
एकता और प्रेम का संदेश लेकर आया यह उत्सव
इस आयोजन ने न केवल होली के रंग बिखेरे, बल्कि आपसी प्रेम और सौहार्द का भी संदेश दिया। यह साबित कर दिया कि जब महिलाएं एकजुट होकर कुछ करती हैं, तो वे न केवल सफल होती हैं, बल्कि समाज में एक नई प्रेरणा भी जगाती हैं।
समारोह के अंत में सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं और भविष्य में भी इसी तरह के आयोजन करने का संकल्प लिया। इस आयोजन ने हर किसी के दिल में एक अनमोल याद छोड़ दी, जिसे हर कोई वर्षों तक संजो कर रखेगा।
