
कोरबा, 17 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज कलेक्ट्रेट परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत बादाम के पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने नागरिकों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण कर धरती को हरा-भरा बनाने में योगदान दें।
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि वृक्षारोपण केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक अनमोल उपहार है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक माँ अपने बच्चों की देखभाल करती है, उसी प्रकार हमें भी प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए। “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को अपने जीवन में कम से कम एक पौधा लगाने और उसकी देखभाल करने के लिए प्रेरित करना है।
बादाम के पौधों का महत्व
राज्यपाल द्वारा लगाए गए बादाम के पौधे न केवल छायादार होते हैं, बल्कि ये पर्यावरण के लिए भी अत्यंत लाभकारी हैं। बादाम का पेड़ मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने, प्रदूषण को कम करने और जैव विविधता को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अभियान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और हरित क्षेत्र को बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
अभियान में जिला प्रशासन की भागीदारी
इस अवसर पर कलेक्टर श्री अजीत वसंत, जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, नगर निगम के प्रतिनिधि, वन विभाग के अधिकारी एवं स्कूली बच्चे भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर पौधों की देखभाल और संरक्षण का संकल्प लिया। प्रशासन ने इस अभियान को जिलेभर में विस्तारित करने की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से जुड़ सकें।
जनता से अपील
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वृक्षारोपण की महत्ता और बढ़ गई है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे न केवल पौधे लगाएं, बल्कि उनकी नियमित देखभाल भी करें, ताकि वे बड़े होकर पर्यावरण को संरक्षित करने में योगदान दे सकें।
“प्रकृति हमें जीवन देती है, हमें भी प्रकृति का सम्मान करना चाहिए। वृक्षारोपण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है।” – श्री रमेन डेका, राज्यपाल, छत्तीसगढ़
निष्कर्ष
राज्यपाल द्वारा किया गया यह वृक्षारोपण कार्यक्रम केवल एक प्रतीकात्मक पहल नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक महत्वपूर्ण संदेश है। “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत अधिक से अधिक लोग इस मुहिम में शामिल होकर पर्यावरण के संरक्षण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा इस अभियान को और विस्तार देने की योजना से उम्मीद है कि आने वाले समय में कोरबा और पूरे प्रदेश में हरित क्रांति को बढ़ावा मिलेगा।
