
मजदूरों और श्रमिकों के हक की लड़ाई अब और तेज़ हो गई है। QASA कंपनी की मनमानी के विरुद्ध भारतीय जनता मजदूर संघ ने आज कुसमुंडा, गेवरा एवं दीपका क्षेत्रों के महाप्रबंधकों (GM) को जोरदार ज्ञापन सौंपा।
संघ का आरोप है कि QASA कंपनी ने 50 स्थानीय मजदूरों से दो महीने तक कार्य करवा कर उन्हें बिना किसी पूर्व सूचना के कार्य से मुक्त कर दिया। हैरानी की बात यह रही कि इन मजदूरों को उनका मेहनताना यानी वेतन तक नहीं दिया गया।
इस अमानवीय व्यवहार को मजदूर संघ ने गहरी निंदा की है। संगठन का कहना है कि स्थानीय मजदूरों के साथ इस प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ज्ञापन सौंपते हुए संघ पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि कंपनी एवं प्रबंधन ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो मजबूरन उग्र आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए संघ किसी भी हद तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ज्ञापन के दौरान संघ के कई पदाधिकारी और श्रमिक प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिन्होंने एक सुर में आवाज़ बुलंद करते हुए कहा – “अब अन्याय नहीं सहेंगे, हक़ की लड़ाई खुलकर लड़ेंगे!”
यह मामला अब स्थानीय प्रशासन और कंपनी प्रबंधन के समक्ष चुनौती बनकर उभरा है। देखना होगा कि आने वाले समय में मजदूरों को उनका हक मिलता है या संघर्ष की आग और भड़कती है।
— जनता की आवाज़
“जहां जन की बात, वहां हम आपके साथ”
